Add To collaction

अटल बिहारी बाजपेई लेखनी प्रतियोगिता -06-Jun-2022

मंच को नमन 
*विषय - अटल बिहारी बाजपेई

लिया अवतरण इस पावन धरती पर
25 दिसंबर को क्रिसमस का शुभ पर्व 
कृष्णा बाजपेई की कोख से निकल 
1924 में ग्वालियर में छाया बड़ा गर्व।

थे हिंदी व ब्रजभाषा के सिद्धहस्त कवि
"विजय पताका" ने बदली जीवन छवि
दीनदयाल जी के सानिध्य से मिला ज्ञान
सन् 2015 में पाया भारत रत्न सम्मान।

दैनिक स्वदेश, वीर अर्जुन का किया संपादन
कविताओं का हर पल किया मधुर आस्वादन
बने विदेश मंत्री विदेशों में बनाई पहचान 
अपने कर्मों से बढ़ाई, भारत देश की शान।

पाकिस्तान से संबंधों में की सुधार की पहल
कारगिल युद्ध से यह योजना हुई असफल।
भारत को बनाया देश परमाणु शक्ति संपन्न
स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना रही न अभिन्न।

बने तीन बार प्रधानमंत्री अनुराग न त्यागा
बाल्यावस्था में ही दिल में प्रकृति प्रेम जागा
हिमाचल की मोहक वादियाँ उनको सदा लुभाती
भव्य भवनों की चमक उन्हें कभी न सुहाती।

सींचा बंजर भूमि को कमल के फूल खिलाए
जाति-धर्म के भेदभाव कभी न मन को भाए।
रहे अविवाहित जीवन देश के नाम किया समर्पित
ऐसे महान अटल जी को करूँ श्रद्धा सुमन अर्पित।

रहे अटल बाजपेई जी सदा देश सेवा में रत
16 अगस्त 2018 में यह सूरज हुआ अस्त
साहित्य राजनीति का सितारा हो गया विलीन
छोड़ धरती माँ की कोख ईश्वर में हुआ लीन।

डॉ. अर्पिता अग्रवाल
नोएडा, उत्तरप्रदेश

   19
13 Comments

Kaushalya Rani

08-Jun-2022 05:26 PM

Great

Reply

Joseph Davis

07-Jun-2022 11:09 PM

Nyc

Reply

Reyaan

07-Jun-2022 08:14 PM

बहुत खूब

Reply